Saturday 5 September 2015

शिक्षक दिवस पर: भाग- 4

शिक्षक दिवस पर: भाग- 4
मुझे मेरे पिताश्री कि एक बात याद आती है, की जो भी तुम्हे जीवन में, ज्ञान दे, तुम्हे तुम्हारी स्थिति से उबार दे, तुम्हे वही ना रहने दे, जो तुम हो... वे सब तुम्हारे गुरु बन जाते हैं जिंदगी में.. क्योंकि जहाँ हम बदलते हैं, अच्छे मायनो में, वही गुरु प्रकट हो जाता है! अँधेरा छंटता हैं, और प्रकाश उघड़ जाता है...इसी क्रम में, आज में याद करना चाहता हूँ उन गुरुओं को जिन्होंने मुझे जीवन पथ पर चलना सिखाया...
१- श्री हरीश राजन जी- E.I.DuPont India Pvt Limited
. श्री के. रामानाथन जी-E.I.DuPont India Pvt Limited
३- श्री श्रवन कुमार रेड्डी जी- E.I.DuPont Service Center India Pvt Limited
४- श्री मुनिश शर्मा जी एवं श्री वीरेंद्र जी- Chemtura Chemicals India Pvt Ltd.
श्री हरीश राजन जी एवं श्री के. रामानाथन जी का मेरे जीवन के ऊपर अत्यधिक रूप से प्रभाव पड़ा, जिनकी बातें मुझे हर समय प्रेरित करती रहती हैं, जो मुझे बहुत गहरे रूप में अपना भी मानते हैं, मुझे डाटने में भी जो सचुकाते नही हैं, आज मैं तहेदिल से उनको शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में, अपनी अंतरतम मनोभावना से उनका सम्मान कर्ता हूँ, उन्हें प्रणाम करता हूँ आप सदैव मेरे साथ बने रहे इसी आशा के साथ!
 
अंत में, जब मुझे नया अध्यात्मिक जन्म मिला...तो मुझे तेजस्वी, राष्ट्रभक्त, योग ऋषि, (विशेषण छोटे पड़ जाये) ऐसे पूज्य स्वामी रामदेव जी के रूप में गुरु मिले, जिन्होंने मुझे एक क्षण में, सब कुछ दे दिया, जिनके प्रेम भरे वरदहस्त से मैं पूर्ण हो गया, जिनके ममतामयी मुस्कान ने मुझे फिर कभी अधुरा नही रहने दिया..जिन्होंने मुझे हमेशा, वात्सल्य भरी आँखों से देखा, सबसे अधिक मुझे अपना शिष्य होने का गौरव प्रदान किया, आज दिन विशेष के दिन मेरा मस्तक उनके चरण कमलों में समर्पित है....और क्या कहूँ, स्वामी जी ने जिन गुरु से शिक्षा ग्रहण की, मुझे भी उनके चरणों में बैठकर शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिला हुआ है, ऐसे हमारे परम श्रद्धेय गुरूजी को भी मैं आज शीश नवाता हूँ, उनके ह्रदय से मेरा ह्रदय प्रेम से सिक्त हो जाये, उनके ज्ञान की गंगा मेरे अज्ञान रूपी मैल को धो दे, वे हम सब ब्रह्मचारियों को अपने आशीष से पोषित करें, इन्हीं आशाओं के साथ, सभी को शिक्षक दिवस की अशेष शुभकामनायें..ॐ

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