Sunday 30 June 2013

रहत पर सियासत!

सियासत गरम हो उठी, ठंडी पड़ी लाशों पर
कुछ रहम तो करो, उन सहमी सांसों पर,
                                  मेरे वतन! अपने होने का एहसास तो करा
                                  बहुत आहत हूँ इन कुटिल सियासी कयासों पर!

आपदा-त्रासदी (आखिर दोष किसका)!











पहाड़ो की हरियाली....और,
वो नरसंहार! वो खुनी मंजर!
गुमनाम चींखें, वो सहमी सांसे..
चीख-चीख कर........कहती रही..
मैं निर्दोष हूँ!!
कुछ सांसे थम सी गई,
कुछ लडती रही विरोध में,
कुछ बेबस, लाचार....
लिए लाशों को गोद में....कहती रही
मैं  निर्दोष हूँ!!

डर के साये में बहता रहा,
कुदरत का कहर....सहता रहा
हर वो शख्स अपना ही तो था,
आई जिसे मौत नजर.......कहता रहा,
मैं निर्दोष हूँ! मैं निर्दोष हूँ!! 
मानव का उतावलापन....और,
विकास का विकृत रूप
मिटा ले गया स्वयं के अस्तित्व को....और 
करता रहा नित नए साजिश गुपचुप.....कहता रहा
ये तो मेरा दोष! ये तो मेरा दोष!!                   

Saturday 29 June 2013

संगीत: एक परमानन्द!

संगीत साधना हैं, शांति अरु आनंद हैं
समन क्रोध कलेश है, प्रेम परमानन्द है!!
संगीत नही वह पतन कारक 
जो काम जनित आवेश दे 
संगीत वह जो आत्म-बल दे
देश भक्ति का आदेश दे
वह नृत्य क्या शालीन नहि जो
रस भाव भूमि न भक्ति दे
उर्जा न दे, जीवन कि "शैलज"
न कुछ कर गुजरने कि शक्ति दे
संगीत साधना हैं, शांति अरु आनंद हैं
समन क्रोध कलेश है, प्रेम परमानन्द है!!

ध्यान हूँ मैं!















ध्यान हूँ मैं!
मैं निर्विचार, मैं निशब्द:,
असीम शांति का फल...
बड़ा बलवान हूँ मैं!
ध्यान हूँ मैं!

स्व का बोध हूँ मैं......तो,
खुद के होने का एहसास हूँ मैं...
खोजे हर कोई बहार मुझे
जबकि सदा उसके पास हूँ मैं....
एकाग्रता का परिणाम, "आत्मा" की पुकार हूँ मैं.
ध्यान हूँ मैं!
अस्तित्व तक पहुँच है मेरी.....तो,
खुद के भूलने का कारन हूँ मैं
प्रेम, करुना, आनंद का अतिरेक हूँ मैं....तो,
सर्व दुखों: का निवारण हूँ मैं....
सुख दुःख जीवन के पहलू, सब में सामान हूँ मैं...
ध्यान हूँ मैं!
जीवन की यात्रा हूँ मैं...तो, 
यात्रा में ठहराव हु मैं....
अवरुद्ध जीवन मुझी से है ....तो, 
जीवन का बहाव हूँ मैं.....
आनंद की अनुभूति, ईश्वर का फरमान हूँ मैं...
ध्यान हूँ मैं!

खुद का सबसे करीबी हूँ मैं...तो,
ले जाता मिथ्या जगत से दूर हूँ मैं....
अँधेरे, अज्ञान भरे जीवन की...
इक आश, एक नूर हूँ मैं..
भक्ति का अतिरेक, ज्ञान का पवन स्नान हूँ मैं...
ध्यान हूँ मैं! ध्यान हूँ मैं!

                                                                                                                           नवीन " नवसंकल्प"