Wednesday 6 December 2017

बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर-2

बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर
हे परमात्मा! हे परमेश्वर!
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर

तुम करुणा के सागर हो प्रभु
तुझको अर्पण मैं क्या कर दूँ
जीवन पुष्प को तुमने खिलाया
उसी को चरणों में तेरे धर दूँ
तुम करुणा के सागर हो प्रभु
तुझको अर्पण मैं क्या कर दूँ
सबके दाता, सबके ईश्वर
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर
हे परमात्मा! हे परमेश्वर!

राह दिखाई, चलना सिखाया
अपनी छाँव में पलना सिखाया
तुम ही मेरे एकमेव आराध्य हो
तेरे कारण संसार में बह ना पाया
और न मांगू कोई दूजा वर
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर
हे परमात्मा! हे परमेश्वर!
तूने राह दिखाई, चलना सिखाया
अपनी छाया में पलना सिखाया
हर पल को जी लूँ, क्षण को जी लूँ
तूने मुझको "कल" ना सिखाया
पल को न भूलूँ मैं जीवन भर
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर
हे! परमात्मा हे! परमेश्वर

तू ही सहारा, तू ही आसरा है
हृदय में तू ही, तू ही भरा है
कैसे बाटूँ तुझको सबमें
तू तो सबके भीतर ठहरा है
तेरे सिवा लागे मुझे सब नश्वर
बहुत अनुग्रह कीन्हों मोपर
हे! परमात्मा, हे! परमेश्वर