Wednesday, 12 August 2015

अकेले में:

अकेले में:
प्रेम भरी हो बतियाँ तेरी, प्रेम भरा व्यवहार हो
सब में कर लें प्रभुदर्शन तु, सबके प्रति तेरा प्यार हो!
सारा जग तेरा घर साथी, सारी जनता परिवार हैं तेरा
मात-पिता वह एक हैं ईश्वर, प्रकृति ही संसार है तेरा
प्रेम से सबके दिल में उतर तु, प्रेम से कर तु जग को पार
प्रेम ही तेरा परिचय साथी, प्रेम ही ईश्वर का है सार
प्रेम ही आशा, विश्वास तेरा, प्रेम जीवन संचार हो
प्रेम भरी हो बतियाँ तेरी, प्रेम भरा व्यवहार हो
सब में कर लें प्रभुदर्शन तु, सबके प्रति तेरा प्यार हो!
यो मां पश्यति सर्वत्र, सर्वं च मयि पश्यति
तस्याहं न प्रणश्यामि स च न मे प्रणश्यति..गीता

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