मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत रे
गा ले उसकी महिमा
प्यारे जो तेरा है मीत रे!
समय बे समय साथी तेरा
एकरस एकसार है
पा ले उसको खुद में
अपने जो तेरा है प्यार रे
कह दे उसको मन की
अपनी बात सारी प्यारी-प्यारी
वही है तेरी मंजिल
राहें, आशिकी दुनियादारी
कर दे सबकुछ अर्पण
उसको जो तेरे है पास रे
मत छुपा कुछ उससे
बंधू, वो तेरा है खास रे
अपनी धुन में एक हो
जा, छेड़ प्यार का संगीत रे
नहीं तुझसे वो खफा है
प्यारे, जो तेरा है मीत रे
मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत रे
गा ले उसकी महिमा
प्यारे जो तेरा है मीत रे!
भक्ति से तू प्रेम कर
ले, बिन प्रेम कुछ भी मांग ना
जो भी चाहे सब
मिलेगा, इक छलांग तो लांघ ना
पार तेरे वह मिलेगा,
जिसकी तुझे है तलाश रे
जा के उसकी छाँव में
बैठ मत हो तू निराश रे
बिछड़ बिछड़ खूब है
रोया पर मिलना उसकी रीत रे
डूब जा उस एकरस में
जो तेरा है मीत रे
मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत रे
गा ले उसकी महिमा
प्यारे जो तेरा है मीत रे!
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