Saturday, 29 June 2013

संगीत: एक परमानन्द!

संगीत साधना हैं, शांति अरु आनंद हैं
समन क्रोध कलेश है, प्रेम परमानन्द है!!
संगीत नही वह पतन कारक 
जो काम जनित आवेश दे 
संगीत वह जो आत्म-बल दे
देश भक्ति का आदेश दे
वह नृत्य क्या शालीन नहि जो
रस भाव भूमि न भक्ति दे
उर्जा न दे, जीवन कि "शैलज"
न कुछ कर गुजरने कि शक्ति दे
संगीत साधना हैं, शांति अरु आनंद हैं
समन क्रोध कलेश है, प्रेम परमानन्द है!!

No comments:

Post a Comment