ध्यान हूँ मैं!
मैं निर्विचार, मैं निशब्द:,
असीम शांति का फल...
बड़ा बलवान हूँ मैं!
ध्यान हूँ मैं!
स्व का बोध हूँ मैं......तो,
खुद के होने का एहसास हूँ मैं...
खोजे हर कोई बहार मुझे
जबकि सदा उसके पास हूँ मैं....
एकाग्रता का परिणाम, "आत्मा" की पुकार हूँ मैं.
ध्यान हूँ मैं!
अस्तित्व तक पहुँच है मेरी.....तो,
खुद के भूलने का कारन हूँ मैं
प्रेम, करुना, आनंद का अतिरेक हूँ मैं....तो,
सर्व दुखों: का निवारण हूँ मैं....
सुख दुःख जीवन के पहलू, सब में सामान हूँ मैं...
ध्यान हूँ मैं!
जीवन की यात्रा हूँ मैं...तो,
यात्रा में ठहराव हु मैं....
अवरुद्ध जीवन मुझी से है ....तो,
जीवन का बहाव हूँ मैं.....
आनंद की अनुभूति, ईश्वर का फरमान हूँ मैं...
ध्यान हूँ मैं!
खुद का सबसे करीबी हूँ मैं...तो,
ले जाता मिथ्या जगत से दूर हूँ मैं....
अँधेरे, अज्ञान भरे जीवन की...
इक आश, एक नूर हूँ मैं..
भक्ति का अतिरेक, ज्ञान का पवन स्नान हूँ मैं...
ध्यान हूँ मैं! ध्यान हूँ मैं!
नवीन " नवसंकल्प"
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