Sunday, 22 April 2012

जब पेड़ लगायेगा इंसान

जब पेड़ लगायेगा इंसान
तभी बनेगा देश महान
होगी वर्षा अन्न उगेगा, 
देश का खुश हो जाये किसान
कल-कल, छल- छल, बहती नदिया 
गन्ना सींचे, सींचे धान
खेत भरे गेंहू सरसों के,
भर जायेंगे घर खलिहान।।

पूरी खीर पकोड़े खावे,
बच्चे बूढ़े  सभी जवान 
लुका छीपी खेलेंगी चिड़िया,
कोयल छेड़े मीठी तान
बिजली चमके, बदल कड़के 
नाचते मोर की कैसी शान!
बच्चे खेलें घर आँगन में,
लिखे पढेंगे होगा ज्ञान।।
मेहनत करके निडर बनें, जब
तभी बनेगा देश महान
 मुक्त प्रदुषण विश्व बने तब,
जब पेड़ लगयेगा इंसान
"शैलज" आने वाली पीढ़ी,
देखो नन्ही मुन्नी जान
अगर प्रदुषण नहीं रुका तो,
सर पर चढ़ बोले शैतान 

जब पेड़ लगायेगा इंसान
तभी बनेगा देश महान.........................


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